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महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं में सर्वतो गिरा
दुर्भिक्षे राजपीडायां ग्रामे वा वैरिमध्यके ।
एतद् कवचमीशान तव स्नेहात्प्रकाशितम्।
ॐ श्मशानस्थो महारुद्रो महाकालो दिगम्बरः ।
किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं होता, सभी प्रकार के उपद्रव शांत हो जाते है।
यत्र यत्र भयं प्राप्तः सर्वत्र प्रपठेन्नरः ॥ ५॥
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु here भैरवो नित्यसम्पदा ॥
इति ते कथितं तुभ्यं देवानामपि दुर्लभम् ।
भगवान शिव ने पांच साल के बच्चे का अवतार धारण किया जिसे बटुक भैरव कहा जाता है।
नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥